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【心灵雅集】鹊桥仙:七夕即兴(四) |
发表于 2013-10-4 14:23:44
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发表于 2013-10-4 19:33:21
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发表于 2013-10-4 19:42:57
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发表于 2013-10-4 21:59:30
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田园陶得怡情醉,野猎寻来雅趣悠。耕种诗心闲弄笔,夫言古韵墨文留。
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发表于 2013-10-5 20:14:57
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发表于 2013-10-5 20:15:47
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发表于 2013-10-7 15:24:45
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